जयपुर की महारानी गायत्री देवी को साल 1975 में वोग पत्रिका ने दुनिया की दस सबसे खूबसूरत महिलाओं की सूची में शामिल किया था। महारानी गायत्री देवी देखने में बेहद ही सुंदर थी और इन्होंने लोकसभा चुनाव भी जीता था। ये समाज सेवा के लिए भी जानी जाती थी। हालांकि इमरजेंसी के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इन्हें गिरफ्तार करवा दिया था और ये साढ़े पांच माह तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रही थी।
इमरजेंसी में विपक्षी नेताओं के साथ विजया राजे सिंधिया भी गिरफ्तार की गईं थी। लेकिन महारानी गायत्री देवी की गिरफ्तारी की चर्चा अधिक की जाती थी। नेता खुशवंत सिंह ने इनकी गिरफ्तार पर विरोध किया था और कहा था कि इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला को कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं। जो उनसे ज्यादा खूबसूरत हो और संसद में उनकी बेइज्जती कर चुकी हो। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी महारानी गायत्री देवी को काफी पहले से जानती थी। इंदिरा गांधी और गायत्री देवी एक ही समय में शांति निकेतन में पढ़ी थीं। तभी से इंदिरा गांधी उन्हें पसंद नहीं करती थी।
गायत्री देवी के पीछे इनकम टैक्स अफसर भी इंदिरा गांधी ने छोड़े हुए थे। फिल्म ‘बादशाहों’ में इनकी स्टोरी दिखाई गई है। न्यूयार्क टाइम्स ने सरकार के हवाले से उस समय छापा था कि 17 मिलियन डॉलर का सोना, हीरे महारानी के खजाने में है। लेकिन महारानी का कहना था कि वो सरकार को सारा हिसाब पहले ही दे चुकी हैं। वहीं इसी बीच इमरजेंसी लग गई।
इस वजह से बड़ी इंदिरा गांधी से दुश्मनी
कूचबिहार के महाराजा की बेटी गायत्री की शादी जयपुर के महाराजा मान सिंह से हुई थी। ये इनकी तीसरी पत्नी थीं। ये देखने में सुंदर होने के साथ-साथ काफी स्टाइलिश थी। ये इतनी खूबसूरत थी कि विदेशी मैगजींस में भी इनका जिक्र होता था। वहीं जब ये स्वतंत्र पार्टी में शामिल हुई। तब इंदिरा गांधी और इनकी दुश्मनी ओर बढ़ गई। दरअसल इंदिरा गांधी चाहती थी कि गायत्री देवी कांग्रेस में शामिल हों। लेकिन इन्होंने स्वतंत्र पार्टी की टिकट पर 1962 में लोकसभा चुनाव लड़ा। 2,46,515 वोट्स में से 1,92,909 वोट्स इन्हें मिले थे। जो कि काफी बड़ी जीत थी। विदेशी अखबारों ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी जीत बताया गया था। इतने वोट तो नेहरू जी को भी नहीं मिले थे। इन्होंने कई बार कांग्रेस नेताओं को चुनावों में हराया था।
एक बार संसद में इंदिरा गांधी पर इनकी टिप्पणियों का जिक्र खुशवंत सिंह ने किया। जिसके बाद इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का मौका देखकर गायत्री देवी को तिहाड़ जेल भेज दिया। कहा जाता है कि महारानी मुंबई किसी बीमारी के इलाज के लिए गई थीं। जहां उन्हें गिरफ्तारी होने की खबर मिली। हालांकि फिर भी ये दिल्ली आ गईं। शाम को घर पर इनकम टैक्स अधिकारी आ पहुंचे और इनके सौतेले बेटे भवानी सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उस दौरान इनके बेटे की गिरफ्तारी का भी काफी विरोध किया गया। क्योंकि उन्हें 1971 के युद्ध में महावीर चक्र मिला था।
गायत्री देवी ने तिहाड़ जेल में साढ़े पांच माह बिताए। इन्होंने अपने जेल के दिनों का जिक्र अपनी किताब में किया है। अपनी आत्मकथा ‘ए प्रिंसेज रिमेंबर्स’ में लिखा है कि Tihar Jail was like a fish market। Filled with petty thieves and prostitutes screaming। दरअसल जिस दौरान रानी जेल में बंद थी वहां पर एक महिला का प्रसव तो बाथरूम में करवाया गया था। वहीं जनवरी 1976 में पेरोल पर किसी आपरेशन के लिए ये बाहर आ सकी। कहा जाता है कि माउंटबेटन ने भी उनके लिए इंदिरा गांधी से बात की थी। जिसके बाद इन्हें बाहर आने दिया गया।
Source: NewsTrend